चाणक्य के अनुसार धन की देवी लक्ष्मी का आर्शीवाद यदि जीवन में प्राप्त करना चाहते हैं तो कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखें. लक्ष्मी जी का आर्शीवाद जिसको प्राप्त हो जाता है, उसका जीवन सुख शांति से पूर्ण हो जाता है.
चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य का संबंध विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय से था. चाणक्य ने तक्षशिला विश्व विद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और बाद में वे इसी विश्व विद्यालय में आचार्य बने. लेकिन चाणक्य का परिचय सिर्फ यही नहीं है, चाणक्य एक शिक्षक होने के साथ साथ प्रबुद्ध व्यक्ति भी थे. चाणक्य को कई ग्रंथ और शास्त्रों का ज्ञान था.
कूटनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र जैसे महत्वपूर्ण विषयों के भी चाणक्य मर्मज्ञ थे. चाणक्य ने अपने अनुभव और अध्ययन से पाया कि भौतिक जीवन में लक्ष्मी जी का आर्शीवाद जिसके पास नहीं है, उसके पास सुखों की कमी बनी रहती है. धन के अभाव में ऐसे लोगों का जीवन संकटों से घिरा रहता है. जीवनशैली प्रभावशाली नहीं रहती है और आत्मविश्वास में भी कमी बनी रहती है.
चाणक्य के अनुसार जीवन में यदि लक्ष्मी जी का आर्शीवाद प्राप्त करना है तो कुछ बातों पर अमल करना बहुत ही जरूरी है.
परिश्रम करने वालों को लक्ष्मी जी पसंद करती हैं
चाणक्य के अनुसार लक्ष्मी जी आलसी व्यक्ति को पसंद नहीं करती हैं. लक्ष्मी जी हमेशा उस व्यक्ति को अपना आर्शीवाद प्रदान करती हैं जो स्वच्छ और आलस से दूर रहता है. परिश्रम करने वालों को लक्ष्मी जी अधिक पसंद करती हैं. जो व्यक्ति समय पर अपने कार्यों को पूर्ण करता है और अपने समस्त कार्यों को ईमानदारी से करता है उसे लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है.
परोपकार की भावना बनाएं रखें
चाणक्य के अनुसार जिस व्यक्ति की भावना परोपकार की होती है और सदैव दूसरों की मदद के लिए खड़ा रहता है ऐसे लोगों को लक्ष्मी जी कभी नहीं छोड़ती हैं. लक्ष्मी जी ऐसे लोगों को अपना आर्शीवाद प्रदान करती हैं. धन आने पर जो व्यक्ति परोपकार की भावना को भूल जाता है उसका साथ लक्ष्मी जी बहुत जल्द छोड़ देती हैं.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।