चाणक्य के अनुसार श्रेष्ठ और सफल व्यक्ति वही है जो सुख और दुख में कभी धैर्य को नहीं खोता है. जीवन में सुख और दुख आते-जाते रहते हैं. समय कभी एक जैसा नहीं रहता है. इसलिए जीवन में जब दुख आते हैं तो व्यक्ति को हताश और निराश नहीं होना चाहिए.
चाणक्य की गिनती भारत के प्रमुख विद्वानों में की जाती है. चाणक्य एक शिक्षक होने के साथ साथ कई विषयों के मर्मज्ञ भी थे. चाणक्य को अर्थशास्त्र की गहरी जानकारी थी. इसके साथ ही चाणक्य को समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति की भी समझ थी. चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को सफल होने के लिए प्रेरित करती है. हरे हुए व्यक्ति को रोशनी की किरण दिखाने का काम करती है चाणक्य नीति. यही वजह है कि आज भी चाणक्य की चाणक्य नीति की प्रासंगिकता बनी हुई है. बड़ी संख्या में लोग आज भी चाणक्य नीति का अध्ययन करते हैं और अपनी समस्या का हल तलाशते हैं.
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं. जिस प्रकार से रात के बाद दिन होता है उसी प्रकार से मनुष्य के जीवन में दुखों के बाद सुखों का प्रवेश होता है. इसीलिए व्यक्ति को कभी निराश नहीं होना चाहिए और धैर्य बनाकर रखना चाहिए. जीवन में धन की विशेष महत्व है. धन संबंधी जब दिक्कत आती है तो इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए-
धन का संचय करना चाहिए
चाणक्य के अनुसार धन बुरे वक्त में सच्चा मित्र है. जो लोग अच्छे समय में धन का संचय करते हैं वे बुरे वक्त में परेशानियों को कम महसूस करते हैं. इसलिए धन का व्यय बहुत सोच समझ कर करना चाहिए. जो लोग इस बात को भूल जाते हैं वे बुरे वक्त में परेशानियों का सामना करते हैं.
धन न होने पर परिश्रम को न त्यागें
चाणक्य के अनुसार जब धन समाप्त या नष्ट हो जाए तो व्यक्ति को अपने परिश्रम में कोई कमी नहीं लानी चाहिए. लक्ष्मी जी का स्वभाव चंचल है, इसीलिए वे एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं रूकती हैं. इसलिए चिंता और तनाव करें, परिश्रम करें. परिश्रम करने वाला व्यक्ति कभी न कभी सफलता प्राप्त कर ही लेता है.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।