चैत्र नवरात्रि का आज है दूसरा दिन, माँ ब्रह्मचारिणी की जरुर पढ़े कथा

14 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के दूसरे स्वरूप की पूजा आराधना की जाती है। देवी का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं मां ब्रह्मचारिणी की कथा, जो आपको दूसरे दिन पढ़नी या सुननी चाहिए.
मां ब्रह्मचारिणी की कथा- मां ब्रह्मचारिणी ने हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था. भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए बहुत कठिन तपस्या की. इसीलिए इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया. मां ब्रह्मचारिणी ने एक हजार वर्ष तक फल-फूल खाकर बिताए और सौ वर्षों तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया. इसके बाद मां ने कठिन उपवास रखे और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप को सहन करती रहीं. टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शंकर की आराधना करती रहीं. इससे भी जब भोले नाथ प्रसन्न नहीं हुए तो उन्होने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिए और कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं. पत्तों को खाना छोड़ देने के कारण ही इनका नाम अपर्णा नाम पड़ गया. मां ब्रह्मचारणी कठिन तपस्या के कारण बहुत कमजोर हो गई. इस तपस्या को देख सभी देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने सरहाना की और मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया.
चैत्र नवरात्रि की रामनवमी के अगले दिन है कामदा एकादशी, बन रहें हैं पूजा के सात शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि: दूसरे दिन जरूर करें मां ब्रह्मचारिणी की यह पावन आरती

Check Also

प्रदोष व्रत पर करें इन मंत्रों का जप, भगवान शिव की कृपा से मिलेगी सुख-समृद्धि

प्रदोष व्रत (June Pradosh Vrat 2025) भगवान शिव को समर्पित एक शुभ व्रत है जो …