दीपक जलाना पूजा-पाठ का एक जरूरी हिस्सा माना गया है। संध्याकाल के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाने की परम्परा हिंदू धर्म में बहुत पहले से चली आ रही है। ऐसे में आपको घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको इसका शुभ फल प्राप्त हो सके।
कई लोगों द्वारा घर के मंदिर में रोजाना पूजा-अर्चना की जाती है, ताकि उनके घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे। इस दौरान दीपक भी मुख्य रूप से जलाया जाता है। दीपक को हिंदू धर्म में शुभता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में शाम के समय मुख्य द्वार पर भी दीपक जलाने का विधान है। आइए जानते हैं इसका सही तरीका।
मुख्य द्वार पर दीपक जलाने के लाभ
पूजा-अर्चना के दौरान देवी-देवताओं के सामने मुख्य रूप से दीपक प्रज्वलित किया जाता है। कोई भी पूजा या अनुष्ठान बिना दीपक के अधूरा माना जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि नियमित रूप से शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा घर से कोसों दूर बनी रहती है। साथ ही साधक और उसके परिवार को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
रखें इन बातों का ध्यान
मुख्य द्वार पर दीपक जलाने के लिए हमेशा घी या सरसों तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। ध्यान रहे कि यदि आप घी का दीपक जला रहे हैं तो रुई की बाती का उपयोग करना चाहिए। वहीं, अगर आप तेल का दीपक जला रहे हैं तो इसके लिए बाती के रूप में लाल धागे का इस्तेमाल करना चाहिए।
यहां रखें दीपक
मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय इसकी दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए। दीपक को हमेशा प्रवेशद्वार पर इस प्रकार रखना चाहिए कि घर से निकलते समय दीपक आपके दाएं हाथ की तरफ हो। ऐसा करना शुभ माना जाता है। साथ ही लक्ष्मी मां की कृपा भी साधक पर बनी रहती है।
न जलाएं ऐसा दीपक
धार्मिक ग्रंथों में वर्णन मिलता है कि मुख्य द्वार पर दीपक हमेशा गोधूलि बेला में यानी शाम के समय जलाना चाहिए। दीपक जलाने समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका दीपक कहीं से खंडित या चटका हुआ नहीं होना चाहिए। वरना आपको इसका पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं होता।
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