इस साल कुंभ संक्रांति 13 फरवरी, 2024 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति और इष्ट देव की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन स्नान, दान और पूजा का खास महत्व है। तो आइए इस पर्व से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं –
मकर संक्रांति की तरह है कुंभ संक्रांति
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं। यही वजह है कि इस दिन स्नान, दान और सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि अगर सूर्य देव प्रसन्न हो जाएं, तो हर क्षेत्र में सफलता जरूर मिलती है। मकर संक्रांति की तरह कुंभ संक्रांति के दिन भी दान करने की बहुत पुरानी परंपरा है।
ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस पर्व पर काले तिल और उससे बनी चीजों का दान करते हैं उन्हें सूर्य देव के साथ भगवान शनि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कुंभ संक्रांति पूजा नियम
- कुंभ संक्रांति के दिन भक्त सुबह उठकर पवित्र नदी में स्नान करें।
 - जो लोग स्नान के लिए पवित्र नदी नहीं जा सकते हैं, वे घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
 - साफ कपड़े धारण करें।
 - सूर्य देव को जल चढ़ाएं और उनके मंत्रों का भाव के साथ जाप करें।
 - गरीबों की मदद करें और उन्हें भोजन खिलाएं।
 - कुंभ संक्रांति के दिन गायों को चारा अवश्य खिलाएं।
 - धार्मिक स्थान पर दर्शन के लिए जाएं।
 - ब्राह्मणों को भोजन, कपड़े और अन्य जरूरतों की चीजें दान दें।
 
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।