आज माघ माह की पूर्णिमा तिथि 24 फरवरी 2024 और शनिवार का दिन है। आज माघ पूर्णिमा के दिन हिंदू पंचांग के अनुसार भारत के महान संत और कवि रविदास जी की जंयती मनाई जाती है। आज ही के दिन इनका जन्म हुआ था। मान्यता के अनुसार आज इनकी 647वीं वर्षगांठ है। संत रविदास का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी के पास स्थित एक गांव में हुआ था।
संत रविदास स्वभाव से परोपकारी और दयालु थे। इनके अनुयायियों के अनुसार वह दूसरों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहते थे। यह सभी स्वभाव एक संत में पाए जाते हैं। आज इनकी जयंती है, तो आइए जानते हैं संत रविदास के कुछ अनमोल वचन और उनके दोहों के बारे में, जिसे पढ़ कर खुशहाल जीवन जीने का मार्गदर्शन प्राप्त होता है।
गुरु रविदास के अनमोल वचन और दोहे
रैदास प्रेम नहिं छिप सकई, लाख छिपाए कोय।
प्रेम न मुख खोलै कभऊँ, नैन देत हैं रोय।।
संत रविदास ने इस दोहे में बताया है कि प्रेम को कितना भी छिपाएं वह छिपता नहीं है, अंत में वह दिख ही जाता है। प्रेम को कह कर नहीं जताया जा सकता है। प्रेम को आंखों से निकले हुए आंसू ही बयां करते हैं।
मन चंगा तो कठौती में गंगा।।
संत रविदास इस दोहे में कहते हैं कि जिस व्यक्ति का मन पवित्र है, उसकी प्रार्थना करने पर मां गंगा स्वयं उसके हाथ में रखे बर्तन में आ जाती हैं।
मन ही पूजा मन ही धूप, मन ही सेऊं सहज स्वरूप।।
वह अपने इस दोहे के माध्यम से यह बताते हैं कि, किसी की पूजा उसके ऊंचे पद को देख कर नहीं करना चाहिए। बल्कि उस व्यक्ति को पूजना चाहिए जो ऊंचे पद पर भले ही आसीन न हो, परंतु उसके अंदर गुण हों। समाज में गुणवान व्यक्ति ही सदैव पूज्यनीय होता है।
करम बंधन में बन्ध रहियो फल की ना तज्जियो आस कर्म मानुष का धर्म है सत् भाखै रविदास।।
संत रविदास कहते हैं कि, कोई भी व्यक्ति जन्म से छोटा-बड़ा या नीच कुल का नहीं होता है। वह अपने कर्मों के अनुसार महान और धूर्त बनता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।