प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत आदि करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में विजया एकादशी पर इस व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए।
विजया एकादशी का मुहूर्त
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 06 मार्च को सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 07 मार्च को प्रातः 04 बजकर 13 मिनट होगा। ऐसे में विजया एकादशी का व्रत 06 मार्च, बुधवार के दिन किया जाएगा। वहीं, इस व्रत का पारण अगले दिन यानी 07 मार्च को किया जाएगा।
विजया एकादशी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, त्रेता युग में जब भगवान राम अपनी वानर सेना के साथ सीता जी को बचाने के लिए पोछे, तो उनके सामने समुद्र लांघने और रावण पर विजय प्राप्त करने का बड़ा लक्ष्य था। इसके लिए भगवान श्रीराम ने वकदाल्भ्य मुनि को अपनी समस्या बताई और इसका हल पूछा। इस पर ऋषि वकदाल्भ्य ने श्रीराम को सेना सहित फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत करने को कहा।
ऋषि के कहे अनुसार, श्री राम, लक्ष्मण, हनुमान जी के साथ-साथ समस्त वानर सेना ने भी व्रत किया और पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इस पर एकादशी माता प्रसन्न हुई और उन्होंने सभी को दर्शन दिए, साथ ही युद्ध में विजय का आशीर्वाद भी प्रदान किया। राम जी की सेना को रावण से युद्ध में विजय हुई।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।