हर महीने में एकादशी दो बार आती है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी आज है। इस विशेष अवसर पर भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है। ऐसे में यदि आप श्री हरि की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती अवश्य करें। साथ ही विशेष चीजों का भोग लगाएं। मान्यता है कि एकादशी पूजा के दौरान श्री हरि की आरती करने से साधक को मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है और विष्णु जी प्रसन्न होते हैं, तो चलिए आज भगवान विष्णु की आरती से उन्हें प्रसन्न करते हैं, जो इस प्रकार है-
॥श्री हरि विष्णु की आरती॥
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥
एकादशी व्रत के प्रभावशाली मंत्र
1. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
2. ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि ।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
3. ॐ विष्णवे नम:
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।