विनायक चतुर्थी का पर्व भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा को समर्पित है। हर माह में चतुर्थी का पर्व 2 बार आता है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। इस बार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 14 मार्च को है। इस तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस अवसर पर भगवान गणेश जी की पूजा और व्रत करने से साधक को जीवन के संकटों से छुटकारा मिलता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा के दौरान गणेश स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से इस स्तोत्र का पाठ करने से पूजा सफल होती है और सुख, सौभाग्य और आय में बढ़ोतरी होती है। चलिए पढ़ते हैं गणेश स्तोत्र ।
गणेश स्तोत्र:
प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।
भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥1॥
प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।
तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥2॥
लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥3॥
नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥4॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥5॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥
जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।
संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥7॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥8॥
॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥
विनायक चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 13 मार्च 2024 को सुबह 04 बजकर 03 मिनट से होगा और 14 मार्च 2024 को देर रात्रि को 01 बजकर 25 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस बार फाल्गुन माह में विनायक चतुर्थी 14 मार्च को है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।