हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का अधिक महत्व है। हर माह में दो एकादशी तिथि होती है। एक कृष्ण पक्ष में दूसरी शुक्ल पक्ष में। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी और आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह एकादशी 20 मार्च को है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के संग भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-व्रत करने से इंसान को शुभ फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती काशी गए थे। इसलिए इस एकादशी को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। शास्त्रों में रंगभरी एकादशी के दिन किए जाने वाले तुलसी के उपायों के बारे में बताया गया है। आइए जानते हैं इन चमत्कारी उपायों के बारे में।
करें ये उपाय
- अगर आप सुखी वैवाहिक जीवन चाहते हैं, तो रंगभरी एकादशी के दिन शादीशुदा जोड़े तुलसी के पौधे में कलावा बांधें और सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को तुलसी मां और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
- इसके अलावा रंगभरी एकादशी के अवसर पर तुलसी के पौधे को सुहाग की साम्रगी और लाल चुनरी अर्पित करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन में लाभ प्राप्त होता है।
- रंगभरी एकादशी के दिन पूजा के दौरान तुलसी ध्यान मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिल सकता है।
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
रंगभरी एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, रंगभरी एकादशी तिथि की शुरुआत 20 मार्च को रात 12 बजकर 21 मिनट से होगी और इसका समापन 21 मार्च को सुबह 02 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में रंगभरी एकादशी व्रत 20 मार्च को किया जाएगा।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।