इस दिन है हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी

कामदा एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सभी एकादशी का अपना-अपना एक विशेष महत्व मान्यता और कथा होती है जो व्यक्ति भक्ति भाव और समर्पण के साथ इस पवित्र एकादशी के दिन व्रत रखता है भगवान विष्णु उन्हें सुख समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं –

 सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। चैत्र शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन का व्रत रखने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही जीवन की हर मुश्किलें समाप्त होती हैं। व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद इसका पारण किया जाता है। सूर्योदय से पहले द्वादशी तिथि समाप्त होने के भीतर पारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

कामदा एकादशी व्रत के पारण का समय

20 अप्रैल प्रात: 5 बजकर 50 मिनट से 8 बजकर 26 मिनट के बीच इस व्रत का पारण किया जा सकता है।

कब है एकादशी तिथी ?

चैत्र माह की एकादशी तिथि की शुरुआत 18 अप्रैल शाम 05 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 19 अप्रैल रात 7 बजकर 56 मिनट पर होगा है। उदयातिथि को देखते हुए एकादशी का व्रत 19 अप्रैल को रखा जाएगा। इस बार इस शुभ दिन पर ध्रुव और वृद्धि योग का भी निर्माण होने जा रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है।

कामदा एकादशी से जुड़ी मान्यता

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रत्येक एकादशी का अपना-अपना एक विशेष महत्व, मान्यता और कथा होती है, जो व्यक्ति भक्ति भाव और समर्पण के साथ इस पवित्र एकादशी के दिन व्रत रखता है, भगवान विष्णु उन्हें सुख, समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं।

इसके साथ ही अंतिम समय में उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे सीधे भगवान विष्णु के निवास वैकुंठ धाम चले जाते हैं।

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