जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो सबसे ज्यादा गर्मी धरती पर पड़ती है। इस अवधि को नौतपा कहा जाता है। इन 9 दिनों गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिलता है। नौतपा में भगवान सूर्य देव को पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि प्रभु की उपासना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
नौतपा की शुरुआत 25 मई से हो गई है। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो सबसे ज्यादा गर्मी धरती पर पड़ती है। इस अवधि को नौतपा कहा जाता है। इन 9 दिनों गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिलता है। नौतपा में भगवान सूर्य देव को पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है।सनातन धर्म में हल्दी को बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में नौतपा के दौरान ज्योतिष शास्त्र के कुछ उपायों के द्वारा इंसान अपना जीवन सुखमय बना सकता सकता है। आइए जानते हैं नौतपा में किए जाने वाले उपायों के बारे में जानते हैं।
हल्दी के उपाय
- नौतपा के दौरान इंसान को सुबह स्नान करने के बाद पीतल या फिर तांबे के पात्र में हल्दी, अक्षत, कुमकुम, मिश्री और जल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस उपाय को करने से जातक को मान सम्मान की प्राप्ति होती है और कुंडली में अशुभ ग्रहों का असर कम होता है।
- मान्यता के अनुसार, नौतपा में शिवलिंग पर हल्दी का लेप लगाना उत्तम माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से जातक के बिगड़े काम पूरे होते हैं।
- हल्दी को जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का प्रिय रंग माना गया है। नौतपा की अवधि के दौरान हल्दी का दान करने से इंसान को जीवन में धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता।
- सनातन धर्म में कुछ चीजों का दान करना उत्तम माना गया है। नौतपा में शरबत, दूध, दही आदि दान करना फलदायी होता है।
कब होगा नौतपा का समापन
नौतपा की शुरुआत 25 मई से हो गई है और इसका समापन 02 जून को होगा। इस दिन सूर्यदेव मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।