प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा होती है। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली है। इस बार प्रदोष व्रत 4 जून 2024 दिन मंगलवार को रखा जाएगा। ऐसे में इस दिन भगवान शिव की विधि अनुसार पूजा करें क्योंकि यह बहुत फलदायी माना जा रहा है।
प्रदोष व्रत एक शुभ दिन माना जाता है, जो भोलेनाथ की पूजा के लिए समर्पित है। प्रदोष व्रत महीने में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आता है। इस बार यह व्रत 4 जून, 2024 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर व्रती भक्ति के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं, तो आइए इस दिन (Bhaum Pradosh 2024) से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
पूजा मुहूर्त
शाम 06 बजकर 23 मिनट से रात्रि 08 बजकर 32 मिनट तक।
शिव जी भोग
मालपुआ, सफेद बर्फी, और खीर
भौम प्रदोष व्रत 2024 का धार्मिक महत्व
भौम प्रदोष का बड़ा धार्मिक महत्व है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है, जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है उन्हें इस व्रत का पालन जरूर करना चाहिए।
ऐसा कहा जाता है कि इस कठिन व्रत का पालन करने से मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। इसके साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें।
- घर और पूजा मंदिर को साफ करें।
- एक वेदी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें।
- गंगाजल से शिव जी का अभिषेक करें।
- सफेद चंदन का त्रिपुंड लगाएं और सफेद फूलों की माला अर्पित करें।
- घर पर बना सात्विक भोग अर्पित करें।
- देसी घी का दीपक जलाएं।
- शिव भक्तों को इस दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए मंदिर जाना चाहिए।
- साथ ही उन्हें पंचामृत और बेल पत्र चढ़ाना चाहिए।
- प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय ज्यादा फलदायी होती है।
- शिव जी के वैदिक मंत्रों का जाप करें।
- पूजा का समापन भगवान शिव और माता पार्वती की आरती से करें।
- अगले दिन सुबह पूजा के बाद व्रत का पारण करें।
- तामसिक चीजों से दूर रहें।
शिव जी का वैदिक मंत्र
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।