धार्मिक मत है कि भगवान भास्कर की पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। साथ ही समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। ज्योतिष करियर में मन मुताबिक सफलता पाने के लिए सूर्य उपासना की सलाह देते हैं। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रोजाना स्नान-ध्यान के बाद जल में कुमकुम मिलाकर अर्घ्य दें।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सूर्य देव एक राशि में कुल 30 दिनों तक गोचर करते हैं। इसके बाद एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। वर्तमान समय में सूर्य देव मिथुन राशि में विराजमान हैं। मिथुन राशि में सूर्य देव के गोचर करने से कई राशि के जातकों को करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलेगी। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में सूर्य मजबूत रहने से जातक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इसके लिए ज्योतिष सूर्य उपासना करने की सलाह देते हैं। आइए, कर्क संक्रांति की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं स्नान-दान का समय जानते हैं-
सूर्य राशि परिवर्तन
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव 16 जुलाई को दिन में 11 बजकर 29 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क राशि में गोचर के दौरान 19 जुलाई को पुष्य नक्षत्र, 2 अगस्त को अश्लेषा नक्षत्र और 16 अगस्त को मघा नक्षत्र में गोचर करेंगे। वहीं, 16 अगस्त को कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार कर्क संक्रांति तिथि पर पुण्य काल सुबह 05 बजकर 34 मिनट से लेकर 11 बजकर 29 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल सुबह 09 बजकर 11 मिनट से सुबह 11 बजकर 29 मिनट तक है। इस दौरान गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-दान कर पूजा-पाठ एवं दान-पुण्य कर सकते हैं। कर्क संक्रांति के दिन महा पुण्य काल 02 घंटे 18 मिनट का है।
योग
कर्क संक्रांति पर साध्य, शुभ, रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन साध्य योग सुबह 07 बजकर 19 मिनट तक है। इसके बाद शुभ योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, रवि योग दिन भर है। रवि योग में भगवान भास्कर की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।