इन चीजों को खाकर खोल सकते हैं Nirjala Ekadashi का व्रत

ज्येष्ठ माह में आने वाली एकादशी को बड़ी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन व्रत करने से साधक को साल की 24 एकादशी का व्रत करने जितना फल प्राप्त होता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है। ऐसे में यदि आप भी निर्जला एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो ऐसे में आप इन चीजों द्वारा अपने व्रत का पारण कर सकते हैं।

प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह तिथि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और उसे मृत्यु के बाद जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है।

निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त 

निर्जला एकादशी तिथि 17 जून को प्रातः 04 बजकर 43 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 18 जून को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून, मंगलवार के दिन किया जाएगा।

इस तरह खोले व्रत

निर्जला एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद अपनी क्षमता अनुसार, गरीबों को अन्न, वस्त्र और जल का दान करें। फिर नींबू पानी या फिर सादा पानी पीकर व्रत का पारण करें। व्रत खोलने के बाद चावल अवश्य ग्रहण करने चाहिए। इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि व्रत का पारण अन्न खाकर नहीं करना चाहिए। इसके बाद आप अन्य चीजें जैसे मेवे या फल आदि खा सकते हैं। इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।

इन चीजों का करें दान

निर्जला एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन दान के रूप में अनाज, जल, वस्त्र, पंखा, जूते, फल, मटका आदि देना चाहिए। साथ ही यह भी माना गया है कि निर्जला एकादशी के दिन जल से भरे कलश का दान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।

इन 7 शुभ योग में मनाई जाएगी भड़ली नवमी
जुलाई महीने में कब है कर्क संक्रांति?

Check Also

16 या 17 सितंबर कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें पूजा विधि और महत्व

विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja 2025) का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है जो भगवान विश्वकर्मा …