अर्थ सहित जानिए हनुमान जी के सबसे शक्तिशाली मंत्र

ज्येष्ठ माह में आने वाले मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना गया है। ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़े मंगल के रूप में जाना जाता है। इस बार ज्येष्ठ माह में 5 बड़े मंगल पड़ रहे हैं। इस दिन पर आप हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ मंत्रों का जप कर सकते हैं।

ज्येष्ठ माह के चौथे बड़े मंगल का (Bada Mangal 2025) व्रत 3 जून को किया जाएगा। वहीं पांचवे और आखिरी बड़े मंगल की पूजा 10 जून को की जाएगी। आप बड़े मंगल की पूजा में हनुमान जो को समर्पित शक्तिशाली मंत्रों का जप कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। चलिए जानते हैं हनुमान जी के कृपा प्राप्ति के मंत्र।

ऊं हनुमनतें नमः
यह हनुमान जी का मूल मंत्र है, जिसका अर्थ है “मैं हनुमान जी को नमन करता हूं।” यह मंत्र हनुमान जी के प्रति अपनी भक्ति प्रस्तुत करने और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए बहुत प्रभावी माना गया है। माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा के दौरान इन मंत्र का जप करने से साधक की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं।

ऊं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नमः
यह हनुमान जी का बीज मंत्र है, जिसका अर्थ है ” हनुमान जी, जो भगवान राम के दूत हैं, मैं आपको नमन करता हूं।” रोजाना इस मंत्र का जप करने से रामभक्त हनुमान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सभी तरह के दुख-दर्द से मुक्त करते हैं।

ॐ आंजनेयाय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि, तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्
हनुमान गायत्री मंत्र भी हनुमान जी को समर्पित सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। इस मंत्र का अर्थ है “हम अंजनी और वायु देव के पुत्र, हनुमान जी को याद करते हैं, उनके समान बुद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।” इस मंत्र के रोजाना जप से साधक को मानसिक शांति, आत्मविश्वास और साहस की प्राप्ति होती है।

ऊं नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा
यह हनुमान जी को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है। इस मंत्र का अर्थ है, “मैं हनुमान जी को, जो बहुत बलशाली हैं, स्वाहा अर्थात सफलता की कामना के लिए प्रणाम करता हूं।” धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मंत्र का नियमित रूप से विशेषकर मंगलवार के दिन जप करने से साधक को असाध्य रोगों से भी मुक्ति मिल सकती है।

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