मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर (हिजरी कैलेंडर) का पहला महीना होता है, जो इस्लाम धर्म के चार सबसे पवित्र महीनों में भी शामिल है। नए चांद के दिखने पर नए महीने की शुरुआत तय होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2025 में मुहर्रम की शुरुआत कब से हो रही है और यह महीना इस्लाम धर्म में इतना महत्व क्यों रखता है।
कब है मुहर्रम
साल 2025 में मुहर्रम 26 या 27 जून 2025 से शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में आशूरा का दिन 5 या फिर 6 जुलाई को पड़ सकता है। शिया समुदाय के लोग इस माह के नौवें या दसवें दिन रोजा रखते हैं।
क्यों खास है मुहर्रम
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, मुहर्रम के दसवें दिन पैगम्बर हजरत मोहम्मद के नाती हजरत इमाम हुसैन सहित कर्बला के 72 शहीदों की शहादत हुई थी। इसलिए इस महीने के दसवें दिन उनकी शहादत को याद करते हुए मातम मनाया जाता है।
क्या है आशूरा का दिन
मुहर्रम के 10वें दिन तो आशूरा का दिन कहा जाता है। यह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। इमाम हुसैन ने इस्लाम धर्म की रक्षा के लिए अपने परिवार के साथ मिलकर कुर्बानी दी थी। माना जाता है कि उनकी शहादत मुहर्रम के 10वें दिन हुई थी। इसलिए इस दिन को आशूरा कहा जाता है।
इस तरह निकाला जाता है जुलूस
शहीदों की याद में उनके प्रतीक के रूप में ताजिए बनाए जाते हैं और जुलूस निकाला जाता है। साथ ही इस दिन कई लोग जलते हुए अंगारों पर चलकर या फिर खुद को चाबुकों से जख्मी करके भी मातम मनाते हैं। इसके बाद इन ताजिए को कर्बला में दफनाया जाता है।