ये हैं शनिदेव के प्रसिद्ध मंदिर, दर्शन करने से सभी दुख होते हैं दूर

धार्मिक मान्यता के अनुसार शनिदेव को मोक्ष प्राप्ति का वरदान महादेव की तपस्या से हुआ था। शनिदेव को कर्मफल दाता भी कहा जाता है क्योंकि शनिदेव कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। देशभर में शनिदेव के कई मंदिर हैं जिन्हें बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।

सनातन धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शनिदेव की पूजा करने से साधक के जीवन के सभी दुख और संकट दूर होते हैं। साथ ही शनिदेव की कृपा से बिगड़े काम पूरे होते हैं। शनिदेव बुरे कर्म करने वाले जातक को दंड देते हैं और अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल प्रदान करते हैं। शनिवार के दिन लोग शनिदेव के मंदिर भी जाते हैं। अगर आप भी शनि मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे ऐसे कुछ प्रमुख शनि मंदिर (Shani Dev Temples) के बारे में, जहां दर्शन करने से साधक को शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।

शनि शिंगणापुर मंदिर
शनि शिंगणापुर मंदिर (Shani Shingnapur Temple) महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। इस मंदिर से जुड़ी कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। इस मंदिर में भक्त शनिदेव के दर्शन और पूजा-अर्चना करने के लिए दूर-दूर से आते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में शनिदेव पर तेल अर्पित करने से भक्त को जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। साथ ही शनि दोष दूर होता है। इस मंदिर में विराजमान शनिदेव की प्रतिमा स्वयंभू मानी जाती है।

कोकिलावन शनि मंदिर
उत्तर प्रदेश के मथुरा में कोकिलावन शनि मंदिर है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए शनिदेव ने तपस्या की। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने कोसीकलां में कोयल रूप में शनिदेव को दर्शन दिए। साथ ही उन्हें वरदान भी दिया कि जो इंसान कोकिलावन के शनि मंदिर की परिक्रमा करेगा। उसे शुभ फल की प्राप्ति होगी और सभी मुरादें पूरी होंगी। इसलिए कोकिलावन के शनि मंदिर की परिक्रमा लगाई जाती है।

शनि मंदिर इंदौर
मध्‍य प्रदेश के इंदौर में एक प्राचीन शनि मंदिर स्थित है। ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर की प्रतिमा को बनाया नहीं गया है बल्कि को स्‍वयं प्रकट हुई थी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में शनिदेव की पूजा करने से साधक के जीवन में आने वाले सभी दुख दूर होते हैं और साढ़ेसाती की समस्या से छुटकारा मिलता है। यहां शनिदेव का विशेष सोलह श्रृंगार किया जाता है। शनिदेव के श्रृंगार को देखने के लिए भक्त दूर-दूर से से आते हैं।

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