देवशयनी एकादशी पर इस तरह करें तुलसी जी को प्रसन्न

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व माना गया है। हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में देवशयनी एकादशी मनाई जाती है, जो साल की सबसे महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक है। इस साल यह एकादशी रविवार 6 जुलाई को मनाई जा रही है। मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयनकाल में चले जाते हैं और 4 माह बाद यानी देवउठनी एकादशी के बाद योग निद्रा से जागते हैं।

श्री तुलसी स्तोत्रम्‌
जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे ।

यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः ॥१॥

नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे ।

नमो मोक्षप्रदे देवि नमः सम्पत्प्रदायिके ॥२॥

तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भ्योऽपि सर्वदा ।

कीर्तितापि स्मृता वापि पवित्रयति मानवम् ॥३॥

नमामि शिरसा देवीं तुलसीं विलसत्तनुम् ।

यां दृष्ट्वा पापिनो मर्त्या मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषात् ॥४॥

तुलस्या रक्षितं सर्वं जगदेतच्चराचरम् ।

या विनिहन्ति पापानि दृष्ट्वा वा पापिभिर्नरैः ॥५॥

नमस्तुलस्यतितरां यस्यै बद्ध्वाञ्जलिं कलौ ।

कलयन्ति सुखं सर्वं स्त्रियो वैश्यास्तथाऽपरे ॥६॥

तुलस्या नापरं किञ्चिद् दैवतं जगतीतले ।

यथा पवित्रितो लोको विष्णुसङ्गेन वैष्णवः ॥७॥

एकादशी तिथि पर तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय मानी गई है। एकादशी के दिन तुलसी से जुड़े कुछ नियमों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। इस तिथि पर न तो तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए और न ही तुलसी को स्पर्श करना चाहिए।

तुलस्याः पल्लवं विष्णोः शिरस्यारोपितं कलौ ।

आरोपयति सर्वाणि श्रेयांसि वरमस्तके ॥८॥

तुलस्यां सकला देवा वसन्ति सततं यतः ।

अतस्तामर्चयेल्लोके सर्वान् देवान् समर्चयन् ॥९॥

नमस्तुलसि सर्वज्ञे पुरुषोत्तमवल्लभे ।

पाहि मां सर्वपापेभ्यः सर्वसम्पत्प्रदायिके ॥१०॥

इति स्तोत्रं पुरा गीतं पुण्डरीकेण धीमता ।

विष्णुमर्चयता नित्यं शोभनैस्तुलसीदलैः ॥११॥

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी ।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमनःप्रिया ॥२॥

लक्ष्मीप्रियसखी देवी द्यौर्भूमिरचला चला ।

षोडशैतानि नामानि तुलस्याः कीर्तयन्नरः ॥१३॥

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत् ।

तुलसी भूर्महालक्ष्मीः पद्मिनी श्रीर्हरिप्रिया ॥१४॥

तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।

नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥१५॥

॥ श्रीपुण्डरीककृतं तुलसीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, नियमित रूप से तुलसी जी की पूजा करने से सदैव घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है। एकादशी के दिन तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा साधक पर बनी रहती ह

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