श्रावण में शिव की पूजा से पूर्ण होती है हर मनोकामना

सावन (Sawan 2025) का महीना भगवान शिव को समर्पित है और इसका बहुत महत्व है। इस महीने में भक्त सोमवार का व्रत रखते हैं और शिवपुराण का पाठ करते हैं। श्रावण में जलाभिषेक का विशेष महत्व है और पंचामृत से भगवान शिव की पूजा करना फलदायी माना जाता है। आइए इस पवित्र माह से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

यूं तो भगवान शिव की कृपा शिव भक्तों पर सदैव बनी रहती, लेकिन सावन माह का बहुत ज्यादा महत्व है। इस महीने सोमवार को व्रत रखकर शांत चित्त से शिवपुराण पढ़ा जाता है, लेकिन श्रावण में जलाभिषेक का धर्मग्रंथों में विशेष माहात्म्य बताया गया है।

श्रावण में जलाभिषेक के साथ पंचामृत से भगवान शिव की पूजा को शास्त्रों में विशेष फलदायी माना जलाभिषेक के लिए आने वाले भक्तों पर भगवान शिव अपनी विशेष कृपा बनाए रखने हैं।

प्रतिदिन मृत संजीवनी
इस महीने भगवान शिव की आराधना व पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है। श्रावण में प्रतिदिन मृत संजीवनी यानी महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति भी रोगमुक्त हो जाता है। श्रावण में जलाभिषेक के साथ बेलपत्र, देव पुष्प ब्रह्मकमल व औषधीय पादप शिव को अर्पित किए जाते हैं। इससे और विवाह की कथा का श्रवण करना चाहिए।

जाने-अनजाने किए गए पाप
शास्त्रों में कहा गया शिव-पार्वती है कि हमारे दुखों का कारण जाने-अनजाने किए गए पाप ही होते हैं, लेकिन रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से पातक कर्म व महापातक जलकर भस्म हो जाते हैं। इससे साधक में शिवत्व का उदय होता है और भगवान शिव का शुभाशीर्वाद प्राप्त होने से उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

शिव में पूरी सृष्टि शामिल है। वे ब्रह्मांड के स्वामी हैं, फिर भी उन्हें ब्रह्मांड की किसी वस्तु से मोह नहीं। वे एक ओर रुद्र यानी उग्र हैं, तो दूसरी ओर परम भोले। वे सुंदरेश यानी सुंदरता के स्वामी हैं और अत्यंत प्रचंड अघोरी भी हैं।

कौशांबी का प्राचीन सनातन धर्म मंदिर जहां पूरी होती है हर मनोकामना
सावन में श्री बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर का करें दर्शन

Check Also

कौशांबी का प्राचीन सनातन धर्म मंदिर जहां पूरी होती है हर मनोकामना

कौशांबी मेट्रो स्टेशन के पास स्थित प्राचीन सनातन धर्म मंदिर में भगवान शिव दुर्गा काली …