मासिक शिवरात्रि का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। यह भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। साथ ही सभी दुखों का अंत होता है।
हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि का पर्व शिव भक्त धूमधाम और भक्ति भाव से मनाते हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है और लोग कठिन उपवास का पालन करते हैं। कहते हैं कि जो साधक इस दिन व्रत रखते हैं, उनके सभी कष्टों का अंत होता है। ऐसे में भाव के साथ पूजा करें। आइए मासिक शिवरात्रि की पूजा की सही विधि, मंत्र, और दान व भोग के बारे में जानते हैं।
पूजा की सही विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
इसके बाद, व्रत का संकल्प लें।
अगर आप व्रत रख रहे हैं, तो अन्न का सेवन न करें और सिर्फ फलाहार पर रहें।
एक वेदी पर शिवलिंग स्थापित करें।
पूजा की थाली में बिल्पत्र, धतूरा, अक्षत, रोली, चंदन, फूल, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल और शमी के पत्ते रखें।
सबसे पहले, शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, जिसे जलाभिषेक कहा जाता है। इसके बाद, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।
अभिषेक के बाद, शिवलिंग पर चंदन और भस्म लगाएं, बिल्व पत्र और फूल अर्पित करें।
मां पार्वती का सोलह शृंगार करें।
पूजा के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते रहें।
मासिक शिवरात्रि कथा का पाठ करें या सुनें।
फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
अंत में शंखनाद करके परिवार व अन्य लोगों में प्रसाद बांटें।
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। वहीं, अमृत काल शाम 05 बजकर 49 मिनट से 07 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप पूजा से लेकर कोई भी शुभ काम कर सकते हैं।
पूजन मंत्र
ॐ नमः शिवाय’
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
भोग और दान
मासिक शिवरात्रि पर भगवान को भोग लगाना और दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसे में भांग, धतूरा, ठंडाई, और मौसमी फल का भोग लगाएं। इसके अलावा हलवा या खीर भी अर्पित कर सकते हैं। वहीं, इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज, कपड़े, और मिठाई का दान करें। ऐसा माना जाता है कि दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और भगवान शिव खुश होते हैं।