इन नियमों को ध्यान में रखकर करें गीता का पाठ

श्रीमद्भागवत गीता हिंदू धर्म के मुख्य धर्म ग्रंथों में शामिल है। कई लोग नियमित रूप से श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करते हैं जिसका जीवन में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलता है। भगवत गीता को पढ़ने के कोई कठोर नियम नहीं हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं श्रीमद्भागवत गीता के पाठ के जुड़े कुछ जरूरी नियम।

श्रीमद्भागवत गीता, श्रीकृष्ण द्वारा बताई गई बहुमूल्य बातों का एक संग्रह है। महाभारत की रणभूमि में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश इसमें सम्मिलित हैं। भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकले गीता के कई श्लोक जीवन का सही मार्गदर्शन करने में सहायता करते हैं। ऐसे में अगर आप रोजाना श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करते हैं, तो इससे आपको जीवन में अद्भुत लाभ देखने को मिल सकते हैं।

सबसे पहले करें ये काम
श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करते समय आपको अपनी पवित्रता का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनें। इसके बाद एक शांतिपूर्ण जगह पर आसन बिछाकर बैठ जाएं और भगवान का ध्यान करते हुए श्रीमद्भागवत गीता का पाठ शुरू करें।

रखें इन बातों का ध्यान
गीता का पाठ करने के लिए हमेशा किसी शांत और स्वच्छ जगह का ही चयन करें। इससे आप एकाग्रता के साथ पाठ कर सकेंगे और आपका ध्यान इधर-उधर नहीं भटकेगा। इस बात का भी ध्यान रखें कि, आपने जो अध्याय शुरू किया है, उसे समाप्त करने के बाद ही उठना चाहिए।

न करें ये गलती
गीता को कभी भी सीधे जमीन पर या फिर हाथ में रखकर पाठ नहीं करना चाहिए और न ही इसे गंदे हाथों से छूना चाहिए। जब भी आप पाठ करने बैठें, तो बीच में बातचीत न करें और न ही इधर-उधर अपना ध्यान भटकाएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि पाठ के दौरान कभी भी आपके मन में किसी तरह का नकारात्मक विचार नहीं आना चाहिए।

तभी मिलेगा पूरा लाभ
गीता के उपदेशों को समझना और अपने जीवन में लागू करना भी जरूरी है। केवल इसका पाठ कर लेने से आपको इसका पूरा लाभ नहीं मिलेगा। यह जरूरी है कि आप गीता के उपदेशों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। क्योंकि श्रीमद्भागवत गीता में भी कर्म को ही सबसे अधिक महत्व दिया गया है।

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