प्रदोष व्रत का फल दिन अनुसार मिलता है। शनि प्रदोष व्रत करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही न्याय के देवता शनिदेव की कृपा साधक पर बरसती है। शनिदेव की कृपा से जीवन में मंगल का आगमन होता है।
सनातन धर्म में कार्तिक महीने का खास महत्व है। यह महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा से जागृत होते हैं। इस शुभ अवसर पर देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इसके साथ ही कार्तिक महीने में दीवाली, धनतेरस, छठ पूजा, भाई दूज, गोवर्धन पूजा समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं।
इसके अलावा, कृष्ण और शुक्ल पक्ष में प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। आइए, कार्तिक माह के पहले प्रदोष की सही तिथि और मुहूर्त जानते हैं-
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समापन 19 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके लिए 18 अक्टूबर को कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के पहले प्रदोष व्रत पर दुर्लभ ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है। ब्रह्म योग का संयोग दिन भर है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ कामों में सफलता मिलेगी। कार्तिक महीने में गंगा स्नान करने का विधान है।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 48 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजे 02 बजकर 46 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 48 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।