भाई दूज पर बन रहा है ‘आयुष्मान योग’, पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आज यानी गुरुवार 23 अक्टूबर के दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया है। ऐसे में आज भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पर शुभ मुहूर्त में बहने अपने भाई का तिलक करती हैं।

भाई दूज, दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाने वाला पर्व है। यह भाई-बहन के रिश्ते को और गहरा करने का खास अवसर है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र, खुशहाली और सफलता के लिए प्रार्थना करती है और उनके माथे पर तिलक करती है। भाई भी अपनी ओर से बहन को आशीर्वाद और उपहार देते हैं।

आज का पंचांग
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि – सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक

आयुष्मान योग – सुबह 5 बजे

बालव – सुबह 9 बजकर 30 मिनट तक

कौलव – सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक

वार – गुरुवार

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 6 बजकर 27 मिनट से

सूर्यास्त- शाम 5 बजकर 43 मिनट पर

चंद्रोदय – सुबह 7 बजकर 57 मिनट पर

चंद्रास्त – शाम 6 बजकर 34 मिनट पर

सूर्य राशि – तुला

चंद्र राशि – तुला (रात 10 बजकर 6 मिनट तक)

आज के शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक

अमृत काल – शाम 6 बजकर 57 मिनट से रात 8 बजकर 48 मिनट तक

आज का अशुभ समय
राहुकाल – दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से दोपहर 2 बजकर 54 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 9 बजकर 16 मिनट से दोपहर 10 बजकर 41 मिनट तक

यमगण्ड – सुबह 6 बजकर 27 मिनट से सुबह 7 बजकर 51 मिनट तक

आज का नक्षत्र
आज चंद्र देव विशाखा नक्षत्र में रहेंगे…

विशाखा नक्षत्र – प्रातः 4 बजकर 51 मिनट तक (24 अक्टूबर)

विसामान्यशेषताएं: ईर्ष्यालु, क्रोधी, ईश्वर-भक्त, ईमानदार, महत्वाकांक्षी, योद्धा स्वभाव, धैर्यवान, हास्यप्रिय और मिलनसार

नक्षत्र स्वामी: बृहस्पति देव

राशि स्वामी: शुक्र देव, मंगल देव

देवता: इंद्राग्नि – यज्ञ के देवता

प्रतीक: विजय का मेहराब या कुम्हार का चाक

आज का व्रत-त्योहार – भाई दूज

यह पर्व केवल प्यार और स्नेह का उत्सव नहीं है, बल्कि सुरक्षा, जिम्मेदारी और आपसी सम्मान की भावना को भी मजबूत करता है। भाई दूज का पर्व परिवार में अपनत्व और रिश्तों की मिठास को बढ़ाता है।

भाई दूज पर तिलक की विधि
सबसे पहले बहन अपने भाई के लिए साफ और पवित्र स्थान तैयार करे।
एक छोटा थाली रखें, जिसमें रोली, हल्दी, चावल, मिठाई और दीपक हो।
भाई के माथे पर हल्दी और रोली का मिश्रण लगाएं।
उसके माथे पर हल्दी-रोली का तिलक बनाएं और ऊपर से चावल के दाने रखें।
दीपक जलाएं और भाई के सिर पर हल्का फेरते हुए उसका आशीर्वाद मांगें।
इसके बाद भाई को मिठाई खिलाएं और उपहार दें।
इस पूरे कर्म के दौरान मन में भाई की लंबी उम्र, खुशहाली और सुरक्षा की प्रार्थना करें।

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