गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर क्या रहेगा शुभ मुहूर्त

आज यानी शनिवार 8 नवंबर के दिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है, जो सुबह तक रहने वाली है। इसके बाद चतुर्थी तिथि आरंभ हो जाएगी। ऐसे में आज गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जा रहा है।

मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत पूर्ण रूप से भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन पर विशेष विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। चलिए पंचांग से जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त।

आज का पंचांग
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त – सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक

शिव योग – शाम 6 बजकर 32 मिनट तक

विष्टि – सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक

बव – शाम 5 बजकर 54 मिनट तक

वार – शनिवार

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 6 बजकर 38 मिनट से

सूर्यास्त – शाम 5 बजकर 31 मिनट पर

चंद्रोदय – रात 7 बजकर 59 मिनट पर

चंद्रास्त – सुबह 9 बजकर 49 मिनट पर

सूर्य राशि – तुला

चंद्र राशि – वृषभ (सुबह 11 बजकर 14 मिनट तक)

आज के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक

अमृत काल – दोपहर 2 बजकर 9 मिनट से दोपहर 3 बजकर 35 मिनट तक

आज का अशुभ समय
राहुकाल – सुबह 9 बजकर 21 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 6 बजकर 38 मिनट से सुबह 8 बजे तक

यमगण्ड – दोपहर 1 बजकर 27 मिनट से दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक

आज का नक्षत्र
चंद्रदेव आज मृगशिरा नक्षत्र में रहेंगे..

मृगशिरा नक्षत्र – रात 10 बजकर 2 मिनट तक।

सामान्य विशेषताएं – कला प्रिय, रचनात्मक, रोमांटिक, व्यावसायिक समझ, ऐश्वर्यप्रिय, जिद्दी, व्यवहारिक, भोग-विलासी, दिखावटी, बड़ी आंखें, ईमानदार, उदार, दानशील, संवाद-कुशल, एकाग्रचित्त, और शांत स्वभाव

नक्षत्र स्वामी – चंद्र देव

राशि स्वामी – शुक्र देव

देवता – ब्रह्मा या प्रजापति

प्रतीक – गाड़ी का पहिया

20 या 19 नवंबर कब है मार्गशीर्ष अमावस्या?
 गणाधिप संकष्टी पर इस विधि से करें पूजा

Check Also

अगले साल कब लगेगा पहला सूर्य ग्रहण

सनातन शास्त्रों में सूर्य ग्रहण का विस्तार से वर्णन किया गया गया है। अमावस्या तिथि …