हिंदू धर्मग्रंथों में, सुंदरकांड एक पवित्र और शक्तिशाली ग्रंथ है, जो रामचरितमानस का हिस्सा है। जिसमें वीर हनुमान जी की महिमा का बखान किया गया है। रोजाना विशेषकर हफ्ते में इन दो दिनों पर सुंदरकांड का पाठ ((Sunderkand Path ke labh) करने से आपको जीवन में अद्भुत परिणाम मिल सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि सुंदरकांड का पाठ करने से साधक को हनुमान जी के साथ-साथ राम जी की भी कृपा मिलती है। इस पाठ को करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि मानसिक, भावनात्मक लाभ भी होता है। आज हम आपको नियमित रूप से सुंदरकांड पाठ (Sunderkand Path) करने से होने वाले लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं।
किस दिन पाठ करना है लाभकारी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार और शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने का सबसे अधिक लाभ मिलता है। जहां मंगलवार का दिन हनुमान जी की आराधना के लिए समर्पित है, वहीं शनिवार के दिन भी हनुमान जी की आराधना करना शुभ माना गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शनिवार के दिन मुख्य रूप से शनिदेव की पूजा की जाती है।
लेकिन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव ने हनुमान जी को यह वचन दिया था कि जो भी हनुमान जी के भक्तों को शनि दोष नहीं सताएगा। यही कारण है कि मंगलवार के साथ-साथ शनिवार का दिन भी हनुमान जी की आराधना करने के लिए उत्तम माना गया है और इसी क्रम में शनिवार के दिन भी सुंदरकांड का पाठ किया जाता है।
मिलते हैं ये लाभ
यदि आप विधि-विधान से और नियमों का ध्यान रखते हुए सुंदरकांड का पाठ करते हैं, तो इससे आपको ऊपर बजरंगबली जी की कृपा बनी रहती है। हनुमान जी की कृपा से साधक के जीवन में आ रही बाधाएं धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं और सुख-समृद्धि आती है। इसी के साथ साधक को श्री हनुमान जी से बल, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद भी मिलता है, जो उसके लिए सफलता प्राप्ति की राह आसान कर देता है।
ऐसा माना गया है कि नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करने वाले साधक की मनचाही मुराद पूरी होती और उसके जरूरी काम बनने लगते हैं। इस पाठ से जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है और मन शांत रहता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।