लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कई मन्त्र और उपाय बताये गए हैं
, जिनमें ऋग्वेद में वर्णित निम्नलिखित मन्त्र अमोघ है और इसके श्रद्धापूर्वक जप से अवश्य ही लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त होती है. इस मन्त्र का जप किसी शुभ मुहर्त में शुक्रवार से आरम्भ करना चाहिए प्रतिदिन कम से कम एक माला जप करना चाहिए. जप यथासम्भव कुश के आसन पर बैठ कर पूर्व दिशा में मुंह करके करना चाहिए.
ऋग्वेद (4/32/20-21) का प्रसिद्ध मन्त्र इस प्रकार है
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।´
तात्पर्य:
हे लक्ष्मीपते . आप दानी हैं, साधारण दानदाता ही नहीं बहुत बड़े दानी हैं. आप्तजनों से सुना है कि संसारभर से निराश होकर जो याचक आपसे प्रार्थना करता है, उसकी पुकार सुनकर उसे आप आर्थिक कष्टों से मुक्त कर देते हैं. उसकी झोली भर देते हैं. हे भगवान मुझे इस अर्थ संकट से मुक्त कर दो.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।