सावन का महीना शुरू होने जा रहा है ऐसे में हर कोई भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए खास तरीके से पूजा करते हैं. हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं भगवान शिव, वेद में इन्हें रुद्र के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि सावन का महीना भगवान शिव को अधिक प्रिय है ऐसा कहा जाता है कि कोई भी इस महीने भगवान शिव से जो भी मांगता है उसे वे निराश नहीं करते है.
भगवान शिव की अर्धांग्नि देवी शक्ति यानी माता पार्वती के नाम से जाना जाता है, भगवान शिव के दो पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं और एक पुत्री अशोक सुंदरी भी हैं. लेकिन आपने कभी ये सोचा है कि भगवान शिव के पिता कौन है. अगर आप नहीं जानते है तो आज हम आपको बताएँगे कि भगवान शिव के पिता कौन है.
देवी महापुराण के मुताबिक उपरोक्त शिव महापुराण के प्रकरण से सिद्ध हुआ कि श्री शकंर जी की माता श्री दुर्गा देवी (अष्टंगी देवी) है तथा पिता सदाशिव अर्थात् “काल ब्रह्म” है. दरअसल एक समय ब्रह्मा जी और श्री विष्णु जी इस बात को लेकर उलझ गए कि कौन किसके पिता है.
ब्रह्मा जी ने कहा मैं तेरा पिता हूँ क्योंकि यह सृष्टिी मुझसे उत्पन्न हुई है, मैं प्रजापिता हूँ, वहीं विष्णु जी ने कहा कि मैं तेरा पिता हूँ, तू मेरी नाभि कमल से उत्पन्न हुआ है. इस दौरान सदाशिव ने विष्णु जी और ब्रह्मा जी के बीच आकर कहा कि मुझे वेदों में ब्रह्म कहा है. मेरे कई मुख हैं. शिव महापुराण के मुताबिक़ उन्होंने अपने मुखों का वर्णन किया और बताया कि “काल ब्रह्म” सभी के पिता है.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।