श्रीराम त्रेतायुग में जन्में थे, इस बात के कई प्रमाण वर्तमान में भी मौजूद हैं। वर्तमान में भारत और श्रीलंका में ऐसे कई तथ्य मौजूद हैं।
श्रीराम सेतु भारत में हैं। यह श्रीलंका और भारत को जोड़ने वाला प्राचीन सेतु था, जो अब समुद्र की अनंत गहराइयों में मौजूद है। ये भगवान राम के होने का सबसे बड़ा सबूत है। समुद्र के ऊपर श्रीलंका तक बने इस सेतु के बारे में रामायण में लिखा है । इसकी खोज भी की जा चुकी है। सेतु पत्थरों से बना है । पत्थर पानी पर तैरते हैं।
पुरातत्व विभाग ने भी माना है कि 1,750,000 वर्ष पहले श्रीलंका में ही सबसे पहले इंसानों के घर होने की बात कही गई है और राम सेतु भी उसी काल का है। यहां मौजूद राम सेतु एक ऐसा पुल था जिसके पत्थर पानी पर तैरते थे। सुनामी के बाद रामेश्वरम में उन पत्थरों में से कुछ अलग हो कर जमीन पर आ गए थे। शोधकर्ताओं ने जब उसे दोबारा पानी में फेंका तो वो तैर रहे थे, जबकि वहां के किसी और आम पत्थर को पानी में डालने से वो डूब जाते थे।
श्रीलंका के उस स्थान पर जहां लक्ष्मण को संजीवनी दी गई थी, वहां हिमालय की दुर्लभ जड़ी-बूटियों के अंश मिले हैं। जबकि पूरे श्रीलंका में ऐसा नहीं होता और हिमालय की जड़ी-बूटियों का श्रीलंका में पाया जाना इस बात का बहुत बड़ा प्रमाण है।
 Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
				