आप सभी को बता दें कि दिवाली का इंतज़ार सभी को है और सभी दिवाली मनाने के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं. ऐसे में इन दिनों कई लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि ‘क्या हर दीपावली नई लक्ष्मी-गणेश मूर्तियां खरीदना चाहिए..?’ ऐसे में अगर आपके पास भी इसका जवाब नहीं है तो आइए हम बताते हैं. 
शास्त्र में लिखा है प्रतिमा स्थापना का विधान – कहा जाता है दिवाली पर ज्यादातर लोग घरों में मूर्तियां स्थापित करते हैं और देश में कुछ मंदिर भी हैं जहां प्रतिमा बदल दी जाती हैं लेकिन मान्यता के अनुसार पुराने समय में सिर्फ धातु और मिट्टी की मूर्तियों का ही चलन था और धातु की मूर्ति से ज्यादा मिट्टी की मूर्ति की पूजा होती थी जो हर साल खंडित और बदरंग हो जाती है और यही वजह थी कि हर साल नई प्रतिमा स्थापित कर दी जाती है.
मूर्तियां स्थापित करना चाहिए या नहीं – कहा जाता है कि नई मूर्ति एक आध्यात्मिक विचार का भी संचार करती है जैसा कि गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है. इसी कारण नई मूर्ति लाने से घऱ में नई ऊर्जा का संचार होता है और इस वजह से मूर्तियों की स्थापना की जाती है.
क्या सभी प्रकार की मूर्तियां बदलनी चाहिए – आप सभी को ध्यान रखना है कि सिर्फ मिट्टी की मूर्तियां बदलने की परंपराएं हैं जबकि सोने या चांदी की मूर्तियां जो सालभर तिजोरी में रखी रहतीं हैं, उन्हे कभी नहीं बदला जाता. कहा जाता है उन्हे केवल दिवाली के दिन पूजा स्थल पर लाकर पूजा करनी स चाहिए और शेष समय उन्हें तिजोरी में रखना चाहिए.
लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां एक साथ जुड़ी होनी चाहिए या अलग-अलग – इस बात का ध्यान रखना कि लक्ष्मी गणेश कभी भी एक साथ जुड़े हुए नहीं होने चाहिए उन्हें जब भी खरीदें अलग अलग खरीदें.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।