आप सभी को बता दें कि 22 मार्च 2019 यानी होली के दूसरे दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से 16 दिवसीय गणगौर पूजा का पर्व शुरू हो गया. ऐसे में गणगौर मुख्यत: राजस्थान का पर्व है. आपको बता दें कि यह पर्व विशेष रूप से सुहागिन महिलाएं मनाती हैं और सुहागिनें अपनी पति की लंबी आयु और कुशल वैवाहिक जीवन के लिए तथा अविवाहित कन्याएं मनोवांछित वर पाने के लिए गणगौर व्रत एवं पूजन करती है. ऐसे में कहा जाता है कि इस पर्व के दिनों में कुंवारी और विवाहित महिलाएं, नवविवाहिताएं प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं तथा वे चैत्र शुक्ल द्वितीया (सिंजारे) के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायंकाल के समय उनका विसर्जन कर देती हैं.
वहीं भारत भर में चैत्र शुक्ल तृतीया का दिन गणगौर पर्व के रूप में मनाते हैं और हिन्दू समाज में यह पर्व विशेष तौर पर केवल सुहागिन महिलाओं के लिए ही होता है. आप सभी को बता दें कि इस दिन भगवान शिव ने पार्वतीजी को तथा पार्वतीजी ने समस्त स्त्री-समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था और इस दिन सुहागिनें दोपहर तक व्रत रखती हैं. आप सभी को बता दें कि इस दिन महिलाएं नाच-गाकर, पूजा-पाठ कर हर्षोल्लास से यह त्योहार मनाती हैं और कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर पाने के लिए गणगौर माता का पूजन करती है.
इस त्यौहार में सोलह दिन तक गौरी-ईसरकी पूजा की करते हैं और इस साल गणगौर का पर्व 8 अप्रैल 2019 को मनाया जाने वाला है. इसका मतलब है कि चैत्र शुक्ल नवरात्रि की तृतीया तिथि को सोलहवें दिन गणगौर पर्व के रूप में मनाया जाने वाला है और इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए सोलह श्रृंगार कर गणगौर पर्व मनाने की तैयारी में अभी से जुट गई है.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।