सौम्य और सुंदर दिखने वाले कृष्ण नीले रं के दिखने लगे थे. कृष्ण इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे कि अब उनका गोरापन कही लिप्त हो चुका है. उन्हें लगने लगा कि उनका ये रूप ना राधा को पसंद आएगा ना गोपियों को. इसकी वजह से वो सबसे दूर हो सकते हैं. जिसके बाद माता योशादा ने कृष्ण को सलाह दी कि वो राधा को भी उसी रंग में रंग डालें जिसमें वो उसे देखना चाहते हैं. तब कृष्ण, राधा के पास गए और उनके ऊपर ढेर सारा रंग उड़ेल दिया. उस एक घटना के बाद दोनों एक दूसरे के प्यार में डूब गए और तभी से इस दिन को होली के उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा.
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
