भगवान शिव सृष्टि के आधार हैं। यह पंच देवों में प्रधान हैं त्रिदेवों में इनका विशेष स्थान है। आदि शक्ति हैं। शिव और शक्ति ही सृजन और विध्वंस करती हैं। भगवान को भोलेनाथ कहा जाता है। वे थोड़ी से आराधना में भी प्रसन्न हो जाते हैं। श्रावण में शिव भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह तरह के उपाय करते हैं कोई उन्हें प्रसन्न करने के लिए दूध और पंचामृत पूजन करता है तो कोई शिव का जलाभिषेक करता है।
ऐसे में शिव पुराण में कुछ ऐसे उपाय दिए गए हैं जिनसे अभिष्ट की प्राप्ति होती है। इन उपायों में कुछ धान्य चढ़ाने पड़ते हैं। जिन्हें शिवलिंग पर अर्पित करने से मनोकामना सिद्ध होती है। इन उपायों में भगवान शिव को चांवल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है। तो दूसरी ओर तिल चढ़ाने से पापों का नाश होता है यही नहीं जौ अर्पित करने से सुख में बढ़ोतरी होती है और यही नहीं गेहूं अर्पित करने से संतान में बढ़ोतरी होती है। इस तरह के उपाय करने के ही साथ शिव लिंग पर अर्पित किया गया धान्य गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए। अन्नदान से संतोष, सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य और सुख की प्राप्ति होती है। सभी मनोरथ भी पूर्ण होते हैं।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।