सूर्य और छठी मैया की उपासना का महापर्व छठ 31 अक्टूबर से हो रहा प्रारंभ…

सूर्य और छठी मैया की उपासना का महापर्व छठ 31 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। संतान प्राप्ति और संतान की मंगलकामना का यह व्रत रखने के लिए कई दिनों पहले से ही तैयारियां प्रारंभ हो जाती हैं। जिस तरह से हर व्रत के लिए विशेष पूजा सामग्री की जरूरत होती है, ठीक वैसे ही छठ पूजा के लिए भी विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप पहली बार व्रत रखने वाली हैं तो आपको छठ पूजा सामग्री के बारे में जानकारी होनी चाहिए। यदि आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो परेशान होने की आवयकता नहीं है। हम आपको बता रहे हैं कि छठ पूजा में किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है, जिनका प्रबंध आप व्रत रखने से पूर्व ही कर लें तो आपके लिए सुविधाजनक होगा।

छठ पूजा सामग्री

1. अपने लिए नए वस्त्र जैसे सूट, साड़ी और पुरुषों के लिए कुर्ता-पजामा या जो उन्हें सुविधाजनक हो।

2. छठ पूजा का प्रसाद रखने के लिए बांस की दो बड़ी-बड़ी टोकरियां खरीद लें।

3. सूप, ये बांस या फिर पीतल के हो सकते हैं।

4. दूध तथा जल के लिए एक ग्लास, एक लोटा और थाली।

5. 5 गन्ने, जिसमें पत्ते लगे हों।

6. नारियल, जिसमें पानी हो।

7. चावल, सिंदूर, दीपक और धूप।

8. हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा।

9. बड़ा वाला मीठा नींबू (डाभ), शरीफा, केला और नाशपाती।

10. शकरकंदी तथा सुथनी।

11. पान और साबुत सुपारी।

12. शहद।

13. कुमकुम, चंदन, अगरबत्ती या धूप तथा कपूर।

14. मिठाई।

15. गुड़, गेहूं और चावल का आटा।

गुड़ और गेहूं के आटे से बना ठेकुआ छठ पूजा का प्रमुख प्रसाद होता है, इसके बिना छठ पूजा अधूरी मानी जाती है। प्रसाद के रूप में चावल के आटे से बना लड्डू (जिसे स्थानीय भाषा में कसार कहते हैं।) भी चढ़ाया जाता है।

बांस की टोकरी में पूजा का सामान रखकर पुरुष उसे अपने सिर पर लेकर घाट तक पहुंचाते हैं। पूजा में गन्ना जरूर होना चाहिए, इसकी आवश्यकता अर्घ्य देने के समय पड़ती है। पूजा के दौरान इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि कोई भी सामग्री जूठी न हो। साफ सामग्री का इस्तेमाल ही छठ पूजा में करें।

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