शनि को यम, काल, दु:ख, दारिद्रय तथा मंद कहा जाता है। मौजूदा दौर में किसी भी परेशानी, संकट, दुर्घटना, आर्थिक नुकसान, अपमान आदि के समय हम उसके मूल में शनि का होना मान लेते हैं, लेकिन क्या यह सही है? निश्चित तौर पर शनि दंड के स्वामी हैं। परंतु तभी, जब आपने कोई गलत कार्य किया हो। शनि कर्म के देवता हैं और आपके किए गए कार्य का फल जरूर देते हैं।
हालांकि कुंडली में शनिदोष होना शुभ नहीं माना जाता है। शनि दोष से पीड़ित व्यक्ति अक्सर अपनी तमाम समस्याओं से चाहते हुए भी नहीं निकल पाता है, लेकिन इस समस्या का सरल और सहज निदान हमारे शास्त्रों में बताया गया है। शनिदोष दूर करने के लिए कई मंत्रों समेत कई सनातनी उपाय हैं, जिन्हें करके आप भगवान शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आप शनिदोष से पीड़ित हैं और उनके प्रकोप को शांत करना चाहते हैं तो आप उनसे जुड़े सिद्ध मंत्रों का जाप करें। शनिदेव के ये मंत्र काफी प्रभावी है। शनिदेव को समर्पित इस मंत्र को श्रद्धा के साथ जपने से निश्चित रूप से आपको लाभ होगा। आपको इस मंत्र का जाप शनिवार को विशेष रूप से और यदि संभव हो तो प्रतिदिन १०८ मनकों की माला से एक माला से करना है।
                                                           सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
ॐ प्रां प्रीं प्रौ सं शनैश्चराय नमः।
ॐ नमो भगवते शनैश्चराय सूर्यपुत्राय नमः।
शनि से जुड़े दोष दूर करने या फिर उनकी कृपा पाने के लिए शिव की उपासना एक सिद्ध उपाय है। नियमपूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय जाता रहता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं। इस उपाय से शनि द्वारा मिलने वाला नकारात्मक परिणाम समाप्त हो जाता है।
भगवान शिव का पंचाक्षर मन्त्र ‘नमः शिवाय’ है। इसी मन्त्र के ॐ लगा देने पर यह षडक्षर मन्त्र ‘ॐ नम: शिवाय’ हो जाता है।
भगवान शिव की तरह उनके अंशावतार बजरंग बली की साधना से भी शनि से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती हैं। कुंडली में शनि से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए शनिवार या शनि जयंती के दिन सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ मीठा प्रसाद चढ़ाएं।
यदि आपकी कुंडली में शनि को लेकर कोई दोष है या फिर शनि की ढैय्या अथवा साढ़ेसाती चल रही है तो आप शनिवार के दिन बगैर किसी को बताए अपना काले रंग का चमड़े का जूता या चप्पल मंदिर के प्रवेश द्वार पर उतार कर चले आएं। ध्यान रहे कि ऐसा करते समय वापस पीछे पलट कर न देखें। शनि देवता से जुड़ा यह प्रयोग शनि के कारण हो रही समस्याओं को दूर करके निश्चित रूप से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
यदि मंदिर में आपकी चप्पल या जूता चोरी हो जाए तो गम न करें क्योंकि ज्योतिष के अनुसार यह आपके जीवन में शुभ संकेत है। यदि आपके फुटवियर शनिवार को चोरी होते हैं तो यह और भी शुभ है। ज्योतिष के अनुसार ऐसा होने पर शनि दोष से राहत मिलती है।
शनिवार के दिन जल में गुड़ या शक्कर मिलाकर पीपल को जल देने और तेल का दीपक जलाने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। इस उपाय को शनिवार के साथ प्रतिदिन भी जारी रख सकते हैं।
आज शनिदेव को नीले रंग का अपराजिता फूल चढ़ाएं और काले रंग की बाती और तिल के तेल से दीप जलाएं। साथ ही महाराज दशरथ का लिखा शनि स्तोत्र पढ़ें।
 Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।

