गायत्री मंत्र से मिलता है सुख का वरदान

भगवान सूर्य सौर मंडल के प्रमुख देव माने जाते हैं। सारा जीव जगत और प्रकृति उनकी ऊर्जा पर ही आश्रित है। कहा जाता है कि सूर्य को ज्योतिषगणों में प्रधान माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए हम गायत्री मंत्र की आराधना भी करते हैं। दरअसल श्रीमद्भगवत गीता में भी भगवान श्री कृष्ण ने अपने उपदेशों के माध्यम से वर्णित किया है कि वे गायत्री और सूर्य भी हैं। गायत्री मंत्र की आराधना कर हम ऐश्वर्य धन सुख समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। इससे धन भी मिलता है।

यदि रविवार के दिन हम गायत्री मंत्र के माध्यम से भगवान सूर्य की आराधना करते हैं तो यह बेहद उपयोगी होता है। रविवार के दिन एक तांबे के पात्र में शुद्ध जल भरकर, कुमकुम और अक्षत के साथ जल के पात्र में लाल फूल रख दें और फिर भगवान सूर्य का स्मरण कर अध्र्य दें इस दौरान गायत्री मंत्र का जप करें। इसके ही साथ गायत्री मंत्र की करीब 108 बार माला का जप भी बहुत उत्तम होता है। गायत्रीमाता आप पर प्रसन्न होती है और सूर्य मंडल प्रभावी होता है।

क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर में सूर्य चक्र होता है। इसे कई विधियों से जागृत किया जाता है इसके जागृत होते ही आप में असीम तेज और क्षमता विकसित होती है साथ ही आप प्रभावी होते हैं। जिसके साथ आपको सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। इस सूर्य चक्र को जागृत करने के लिए सूर्य की आराधना और सूर्य का ध्यान अच्छा होता है।

सोलह संस्कार मे समाया पूरा जीवन
संतोषी माता की आराधना से बन जाते हैं काम

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