इन व्रतों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्रत एकादशी का होता है. एकादशी का नियमित व्रत रखने से मन की चंचलता समाप्त होती है. धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है इसके साथ हारमोन की समस्या भी ठीक होती है तथा मनोरोग दूर होते हैं. इसके अलावा वैसे पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए अमोघ है पर इससे संतान की समस्याओं का निवारण भी सरलता से हो जाता है. इस बार पुत्रदा एकादशी 06 जनवरी को मनाई जा सकती है.
क्या हैं इस व्रत को रखने के नियम ?
– यह व्रत दो प्रकार से रखा जाता है- निर्जल व्रत और फलाहारी या जलीय व्रत.
– सामान्यतः निर्जल व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए.
– अन्य या सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय उपवास रखना चाहिए.
– संतान सम्बन्धी मनोकामनाओं के लिए इस एकादशी के दिन भगवान् कृष्ण या श्री नारायण की उपासना करनी चाहिए.
संतान की कामना के लिए आज क्या करें ?
– प्रातः काल पति पत्नी संयुक्त रूप से श्री कृष्ण की उपासना करें.
– उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें.
– इसके बाद संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें.
– मंत्र जाप के बाद पति पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें.
– अगर इस दिन उपवास रखकर प्रक्रियाओं का पालन किया जाय तो ज्यादा अच्छा होगा.
– एकादशी के दिन भगवान् कृष्ण को पंचामृत का भोग लगायें.
– साथ में एक तुलसी की माला भी चढ़ाएं.
– निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें- “ॐ क्लीं कृष्णाय नमः”
– पंचामृत का प्रसाद ग्रहण करें.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।