आप सभी को बता दें कि वेदों और पुराणों भगवान विष्णु को श्रृष्टि का पालनहार कहा गया है. कहा जाता है मानव जीवन से जुड़े सुख-दुख का चक्र श्री हरि के हाथों में है और भगवान की उपासना में विष्णु सहस्रनाम के पाठ का बहुत महत्व है. जी हाँ, ऐसी मानयता है कि एकदशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए. इसी के साथ विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए, क्योंकि इसमें लक्ष्मीपति के एक हजार नाम दिए हैं. वहीं अगर आप रोज ये स्त्रोत्र नहीं पढ़ सकते तो जानें विष्णु के हजारों नाम का फल देने वाला मंत्र. जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
इस मंत्र से मिलेगा विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र का लाभ:
‘नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे।
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:।।’
यह एक श्लोक है, और इस श्लोक का असर उतना ही है, जितना कि विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र का है. कहा जाता है रोज सुबह इस एक मंत्र का जाप करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है.
क्या है विष्णु सहस्रनाम से जुड़ी कथा : आप सभी को बता दें कि महाकाव्य महाभारत के ‘अनुशासन पर्व’ अध्याय में भगवान विष्णु के एक हजार नामों का उल्लेख है. कहते हैं कि जब भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर लेटे अपनी इच्छा मृत्यु के लिए सही समय का इंतजार कर रहे थे, तब उन्होंने ये एक हजार नाम युधिष्ठिर को बताए थे. ज्ञान पाने की इच्छा से जब युधिष्ठिर ने भीष्मपितामह से यह पूछा कि कौन ऐसा है, जो सर्व व्याप्त है और सर्व शक्तिमान है? तो पितामह ने भगवान विष्णु के ये एक हजार नाम बताए थे.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।