रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करने देवाधिदेव भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं: धर्म

हर एक धर्म में पूजा-पाठ और प्रार्थना करने के अलग-अलग तरीके होते हैं। हिंदू धर्म में पूजा और मंत्रों का जाप करना बहुत ही उपयोगी और जरूरी माना गया है।

किसी भी धार्मिक प्रतिष्ठान, त्योहार, व्रत या पूजा-पाठ को करते समय मंत्रों का जाप करना काफी प्रभावशाली होता है। अलग-अलग पूजा में अलग-अलग मालाओं का प्रयोग किय जाता है।

मंत्र जाप में माला का उपयोग करने के से एकाग्रता बढ़ती है। मंत्रजाप के लिए उपयोग में ली जाने वाली माला हमेशा 108 या 27 दाने की होनी चाहिए। मंत्र जाप करते समय माला पूरी तरह से ढ़की होनी चाहिए। मंत्र जाप के बाद माला को प्रणाम करने के बाद इसे मंदिर में रखना चाहिए।

चंदन की माला का प्रयोग काफी समय से किया जाता रहा है। यह दो प्रकार की होती है। सफेद चंदन की माला और लाल चंदन की माला।  शक्ति की साधना में लाल चंदन की माला से तो वहीं भगवान कृष्ण के मंत्र का जप सफेद चंदन की माला से किया जाता है। इस माला के मंत्र जप से मनोकामना बहुत जल्दी पूर्ण होती है।

मंत्र का जाप करते हुए स्फटिक की माला का भी प्रयोग किया जाता है। धन प्राप्ति और मन की एकाग्रता के लिए इस माला का उपयोग किया जाता है।

इस माला के प्रभाव से उसके पास किसी भी तरह की नकारात्मक शक्ति नहीं फटक पाती। मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप इसी माला से करना शुभ फलदायी होता है।। वहीं जिनका रक्तचाप उच्च हो उनके लिए इस माला को पहनना काफी फायदेमंद होता है।

मंत्रों का जाप करते समय इस माला का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। भगवान शिव को रुद्राक्ष बेहद ही प्रिय होती है। इसलिए महामृत्युंजय मन्त्र का जाप रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए।

मान्यता कि रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करने देवाधिदेव भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। रुद्राक्ष की माला का अन्य देवताओं के लिए किए जाने वाले जप में भी प्रयोग किया जाता है।

 

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