तांत्रिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए गुप्त नवरात्रि में देवी की आराधना की जाती है: धर्म

गुप्त नवरात्रि 22 से 29 जून तक रहेंगे। हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व प्रमुख पर्व माना जाता है। एक वर्ष में कुल मिलाकर चार नवरात्रि आते हैं। जिसमें से दो गुप्त और दो सामान्य नवरात्रि होते हैं।

पहला गुप्त नवरात्रि माघ के महीने में और दूसरा आषाढ़ माह में मनाया जाता है। गुप्त नवरात्रि आम नवरात्रि से अलग तरह का मनाया जाता है। तांत्रिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए गुप्त नवरात्रि में देवी की आराधना की जाती है। आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि से जुड़ी कुछ जानकारियां…

तांत्रिकों के लिए गुप्त नवरात्रि का महत्व बहुत अधिक होता है। इसमें गुप्त रूप से देवी मां की पूजा की जाती है। आषाढ़ मास के नवरात्रि में देवी की पूजा तंत्र-मंत्र के लिए की जाती है।

देवी मां के हवन, पूजन आदि कर्म गुप्त रूप से रात के समय होती है इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। Gupta Navratri 2020: आज से महाशक्ति की आराधना का महापर्व गुप्त नवरात्रि आरंभ

नवरात्रि में जहां नौ देवियों की विशेष पूजा का प्रावधान है, वहीं गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में पूजी जाने वाली 10 महाविद्याओं में मां काली, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी हैं। इस नवरात्रि में में तंत्र और मंत्र दोनों के माध्यम से भगवती की पूजा की जाती है।

नाम के अनुसार इस गुप्त नवरात्र में की जाने वाली शक्ति की साधना के बारे में जहां कम लोगों को ही जानकारी होती है, वहीं इससे जुड़ी साधना-आराधना को भी लोगों से गुप्त रखा जाता है। मान्यता है कि साधक जितनी गुप्त रूप से देवी की साधना करता है, उस पर भगवती की उतनी ही कृपा बरसती है।

 

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