आषाढ़ नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-उपासना की जाती है। इसके साथ ही विद्या की दस महादेवियों की भी पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दौरान साधक मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, जिसमें मां दुर्गा के प्रभावशाली मंत्रों का जाप करते हैं। आइए इन मंत्रों को जानते हैं, जिनके जाप से व्यक्ति को सुख, शांति और धन की प्राप्ति होती है –
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरन्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
इसका अर्थ है- हे जगत जननी आप सबका मंगल करती है, आप अर्धनारीश्वर शिवा है, आप सब मनोरथ को सिद्ध करने वाली देवी हैं। हे नारायणी ! मैं आपको दंडवत नमस्कार करता/करती हूं। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के जीवन में केवल मंगल ही मंगल होता है।
ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम |
लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम ||
ऐसा कहा जाता है कि मां दुर्गा की पूजा इस मंत्रोउच्चारण के साथ की जाती है। इस मंत्र के जाप ध्यान और ज्ञान में वृद्धि होती है।
शान्तिकर्मणि सर्वत्र तथा दु:स्वप्नदर्शने |
ग्रहपीडासु चोग्रासु माहात्म्यं श्रृणुयान्मम ||
इस मंत्र के जाप से अकारण भय से मुक्ति मिलती है। अगर आपको रात में बुरे सपने आते हैं तो आप इस मंत्र का रोजाना जाप करें।
देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि।।
इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को सौभग्य, आरोग्य, सुख, रूप, यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है। अतः रोजाना इस मंत्र का जाप जरूर करें।
‘धर्म्याणि देवि, सकलानि सदैव कर्माएयत्यादृत: प्रतिदिनं सुकृति करोति।
स्वर्गं प्रयाति च ततो भवानी प्रवती प्रसादात् लोकत्रयेऽपि फलदा तनु देवि, लेन।।’
इस मंत्र के जाप से धन, ऐश्वर्य, सुख, शांति और समृद्धि की कामना पूरी होती है। अतः व्यक्ति को रोजाना प्रातः काल पूजा के समय में इस मंत्र का जरूर जाप करना चाहिए।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।