शारदीय नवरात्रि पर माँ का पूजन बहुत धूम-धाम से किया जाता है. और इस दिन माँ के सांतवे रूप का पूजन होता है. नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें अवतार मां कालरात्रि की पूजा होती है और आज हम आपको माँ के पूजन का महत्व बताने जा रहे हैं जो आपके लिए जानना बहुत जरुरी है. तो आइए जानते हैं माँ कालरात्रि के पूजन का महत्व.
मां कालरात्रि की पूजा का महत्व – नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करते हैं और आपको बता दें कि उनका रूप अत्यंत भयानक है। माँ दुष्टों के लिए काल बन जाती हैं और अपने भक्तों के लिए शुभ फल प्रदान करती हैं. माँ कालरात्रि की पूजा करने से भूत प्रेत, राक्षस, अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि सभी नष्ट हो जाते हैं और इसी के साथ अगर किसी की कुंडली में सभी ग्रह खराब हो या फिर अशुभ फल दे रहे हों तो नवरात्रि के सातवें दिन उस व्यक्ति को मां कालरात्रि की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए क्योंकि सभी नौ ग्रह मां कालरात्रि के अधीन माने जाते हैं.
इसी के साथ मां कालरात्रि के आशीर्वाद से उनके भक्तों की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती है और शास्त्रों के अनुसार कालरात्रि की पूजा से शनि ग्रह के दोष दूर होते हैं. इसी के साथ माँ की पूजा से मनुष्य को मृत्यु तुल्य अपवादों से मुक्ति मिलती है और मां कालरात्रि की साधना करने वालों को विभिन्न रोगों से भी मुक्ति मिलती है जिनमें अस्थि, वात और सांस से संबंधित अनेक रोग सम्मिलित माने जाते हैं. ऐसे में इनके भयानक रूप से भक्तों को भयभीत या आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है और कालरात्रि की पूजा से , भय, चिंता और निराशा भी दूर हो जाते हैं.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।