आज से अगहन या मार्गशीर्ष माह का आरम्भ हो गया है। सनातन धर्म में मार्गशीर्ष को सूर्य भगवान को समर्पित महीना माना जाता है। यही वजह है कि आज से भक्त सूर्य भगवान की उपासना करेंगे। आज मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा है। इस महीने को प्रभु श्रीकृष्ण से भी जुड़ा माना जाता है। दरअसल, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को प्रभु श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में जब अर्जुन ने अपनों को समक्ष देखकर युद्ध से मना कर दिया तो कृष्ण ने उन्हें गीता का ज्ञान दिया था। यही कारण है कि इस महीने गीता जयंती भी मनाई जाती है। खुद प्रभु श्री कृष्ण ने गीता में मार्गशीर्ष मास की महिमा का बखान करते हुए कहा है कि-
बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्।
मासानां मार्गशीर्ष Sहमृतूनां कुसुमाकरः।।
अर्थात गायन करने योग्य श्रुतियों में मैं बृहत्साम, छंदों में गायत्री और मास में मैं मार्गशीर्ष तथा ऋतुओं में बसंत मैं ही हूं। मार्गशीर्ष माह का आरम्भ इस बार मंगलवार को हो रहा है। मंगलवार को बजरंगबली का दिन माना गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों में मार्गशीर्ष महीने की महिमा बताते हुए कहा गया है कि हिन्दू पंचांग के मार्गशीर्ष महीने में गंगा जैसी पवित्र नदियों पर स्नान करने से दोष, बीमारी तथा अन्य समस्याओं तथा कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।