चाणक्य नीति: गुणवान स्त्री को अपनाने में कताई नहीं करना चाहिए देर

चाणक्य नीति व्यक्ति को सफल बनाने के लिए प्रेरित करती है. चाणक्य नीति की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं, इस कारण आज भी बड़ी संख्या में लोग चाणक्य नीति की बातों पर अमल करते हैं. चाणक्य के अनुसार विपरित परिस्थितियों में जो व्यक्ति सुख के साधन खोज लेता है वही असली इंसान कहलाता है. चाणक्य की मानें तो इन चीजों को अपनाने में कतई देर नहीं करनी चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में-

दूषित स्थान से भी अच्छी वस्तु को ले लेना चाहिए
चाणक्य के अनुसार अच्छी चीज कहीं से भी मिले, हासिल करने में गुरेज नहीं करना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि विष से भी यदि अमृत हासिल करना हो तो, प्रयासों में कोई कमी नहीं करनी चाहिए और हर प्रकार के जतन कर अमृत प्राप्त करना चाहिए. इसी प्रकार अगर प्रतिभा कीचड़ में भी है तो उसे अपनाने से किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतनी चाहिए.

कोयले से भी सोना प्राप्त किया जा सकता है
चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि कीमती वस्तु को पाने के लिए स्थान की परवाह नहीं करना चाहिए. जैसे सोना कीमती है, सभी जानते हैं. इसी तरह से गंदगी से भी अगर सोना प्राप्त करने का अवसर आए तो व्यक्ति को इस अवसर को छोड़ना नहीं चाहिए. चाणक्य के कहने का अर्थ ये है कि व्यक्ति को अच्छी वस्तु प्राप्त करने के लिए उसके स्थान पर ध्यान नहीं देना चाहिए. व्यक्ति को ऐसी वस्तु पाने के लिए हमेशा प्रयत्न करते रहना चाहिए.

गुणवान स्त्री को अपनाने में देर नहीं करना चाहिए
चाणक्य के अनुसार स्त्री गुणी और सुंदर हो, लेकिन वह गरीब घर में रहती हो, तो भी ऐसी स्त्री को अपनाने से गुरेज नहीं करना चाहिए. अच्छी स्त्री की महत्व को लेकर आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि अगर दुश्मन के घर में अगर सुशील स्त्री है तो उससे रिश्ता जोड़ने में अंहकार का परित्याग कर देना चाहिए. क्योंकि सुशील, गुणों से पूर्ण स्त्री जिस घर में भी जाएगी उस घर की शोभा बढ़ाएगी, यही नहीं कुल का नाम भी रोशन करेगी.

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