क्रिसमस को बड़ा दिन कहा जाता है. क्रिसमस के पर्व को मनाने के लिए तैयारियां जोरशोर से शुरू हो चुकी हैं. इस पर्व पर घरों को सजाया जाता है. क्रिसमस के पर्व को प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं. प्रभु यीशु ने पूरी दुनिया को दया, अहिंसा और करूणा का संदेश दिया था.
25 दिसंबर को पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. इस दिन को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. मोक्षदा एकादशी वर्ष 2020 की अंतिम एकादशी है. एकादशी व्रत और पूजा के बारे में महाभारत की कथा में भी वर्णन आता है. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्टिर और अर्जुन को एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया था.
क्रिसमस पर्व का महत्व
क्रिसमस का पर्व खुशियां लाता है. इसदिन एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. पार्टी करते हैं, जश्न मनाते हैं. इस दिन उपहार देने की भी परंपरा है. जीवन में खुशियों को विशेष महत्व है. ये पर्व यही संदेश देता है. खुशियां प्रेम से उत्पन्न होती हैं, प्रेम ही व्यक्ति को अच्छा और श्रेष्ठ बनाता है. क्रिसमस के पर्व का जश्न 12 दिनों तक मनाया जाता है.
मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2020 )
मोक्षदा एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति पर अधिक जोर दिया है. मोक्षदा एकादशी के दिन विधि पूर्वक पूजा करने और व्रत रखने से व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. भगवान विष्णु जीवन में सुख समृद्धि प्रदान करते हैं और सभी प्रकार की मनोकामनाओं का पूर्ण करते हैं. एकादशी व्रत को कठिन व्रतों में से एक माना गया है. एकादशी का व्रत एकादशी की तिथि से ही आरंभ हो जाता है और द्वादशी की तिथि को व्रत के पारण के बाद ही समाप्त होता है.
एकादशी तिथि प्रारंभ– 24 दिसंबर की रात 11 बजकर 17 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त– 25 दिसंबर को देर रात 1 बजकर 54 मिनट तक
पंचांग: 25 दिसंबर
दिन- शुक्रवार
तिथि- एकादशी – 25:55:59 तक
नक्षत्र- अश्विनी – 07:36:31 तक
करण- वणिज – 12:38:24 तक, विष्टि – 25:55:59 तक
योग- शिव – 14:34:48 तक
चन्द्र राशि- मेष राशि
शुभ मुहूर्त- अभिजीत 12:00:49 से 12:42:08 तक
राहु काल- 11:04:02 से 12:21:29 तक
दिशा शूल- पश्चिम