वास्तुशास्त्र: जीवन में सुख- शांति बनाये रखने के लिए बेडरूम में इन चीजों की दिशा का रखें ध्यान

बेडरूम में सर्वप्रथम इस बात का ध्यान रखें कि रंगों का संयोजन अत्यंत गहरा या भड़कीला न हो. इसमें हल्के गुलाबी, हरे और की्रमी कलर प्रयोग किए जाना चाहिए.इससे आंखों को आराम मिलता है. रात्रि में अचानक प्रकाश की चुभन कम होती है.

बेडरूम में महत्वपूर्ण होती है बिस्तर अथवा बेड की दिशा. सोते समय ध्यान रखें कि सिर लेटी हुई अवस्था में दक्षिण दिशा में हो. ग्रहस्थों के लिए यह आवश्यक है. विद्यार्थी और ब्रह्मचारी जन सोते समय सिर पूर्व दिशा में रख सकते हैं.

बिस्तर के नीचे अनावश्यक और बिखरे हुए सामान का जमावड़ा नहीं होना चाहिए. इससे नकारात्मक उूर्जा बढ़ती है। दुःस्वप्न आने की आशंका बढ़ जाती है. पैरों की ओर खिड़की दरवाजे न हों. किसी भी प्रकार का मिरर या दर्पण इस प्रकार नहीं लगा होना चाहिए कि बिस्तर पर बैठकर या लेटकर उसमें चेहरा आदि नजर आएं.

बिस्तर की स्थिति भी बेडरूम में दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण दिशा में हो. साथ अन्य कोई भारी सामाज का जमावड़ा बेडरूम में न हो. बेडरूम से लगे बाथरूम में रात के समय गीला कपड़ा नहीं छूटना चाहिए. बाथरूम का फर्श भी गीला नहीं रहना चाहिए. इसके अलावा कोई भी नल का रिसाव नहीं होते रहना चाहिए.

प्रकाश संयोजन में ध्यान रखें कि कोई भी नाइट बल्व इस तरह न लगाएं कि उसकी सीधी सोते समय रौशनी आंखों पर पड़े। नाइट बल्व की लाइट दीवारों से टकराकर ही आंखों तक पहुंचनी चाहिए. बेडरूम में पर्दे भी मोटे और हल्के गहरे रंग के प्रयोग में लाना चाहिए.

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