अन्नपूर्णा माँ सभी के घर में अन्न के क्षेत्र भर देती हैं। माँ अन्नपूर्णा को माँ दुर्गा का ही रूप माना जाता है। वह अपने भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखती हैं। उनके द्वारा सभी की झोली हमेशा भरी रहती है। वैसे आज अन्नपूर्णा अष्टमी है। ऐसे में आज के दिन माँ का पूजन कर उनकी आरती और कथा कर उन्हें खुश किया जा सकता है जिससे आपके घर में अन्न का क्षेत्र कभी खाली न हो। आइए आज हम आपको बताते हैं माँ की आरती।
माँ अन्नपूर्णा की आरती-
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,
कहां उसे विश्राम ।
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो,
लेत होत सब काम ॥
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।
प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,
कालान्तर तक नाम ।
सुर सुरों की रचना करती,
कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।
चूमहि चरण चतुर चतुरानन,
चारु चक्रधर श्याम ।
चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर,
शोभा लखहि ललाम ॥
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम
देवि देव! दयनीय दशा में,
दया-दया तब नाम ।
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल,
शरण रूप तब धाम ॥
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।
श्रीं, ह्रीं श्रद्धा श्री ऐ विद्या,
श्री क्लीं कमला काम ।
कांति, भ्रांतिमयी, कांति शांतिमयी,
वर दे तू निष्काम ॥
बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।
॥ माता अन्नपूर्णा की जय ॥
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।