मंगलवार को अष्टमी तिथि 01:12:17 तक तदोपरान्त नवमी है। अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा नवमी तिथि की स्वामिनि दुर्गा जी हैं। मंगल के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है। आज के दिन उत्तर दिशा की ओर यात्रा नही करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जाएं। इस तिथि में नारियल नहीं खाना चाहिए तथा यह तिथि आभूषण, रत्न खरीदने और धारण करने के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।
04 मई 2021 दिन-मंगलवार का पंचाग
सूर्योदयः- प्रातः 05:38:00
सूर्यास्तः- सायं 06:57:51
विशेषः- मंगल के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- उत्तरायण
ऋतुः- ग्रीष्म ऋतु
मासः- वैशाख माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- अष्टमी तिथि 01:12:17 तक तदोपरान्त नवमी
तिथि स्वामीः- अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा नवमी तिथि की स्वामिनि दुर्गा जी हैं।
नक्षत्रः- श्रवण 08:24:00 तक तदोपरान्त घनिष्ठा
नक्षत्र स्वामीः- श्रवण नक्षत्र के स्वामी चन्द्र देव हैं तथा घनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल है।
योगः- शुक्ल 08:20:00 तक तदोपरान्त ब्रह्मा
गुलिक कालः- शुभ गुलिक 12:18:00 से 01:58:00।
दिशाशूल: आज के दिन उत्तर दिशा की ओर यात्रा नही करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जाएं।
राहुकालः- राहु काल 03:38:00 से 05:17:00 तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में नारियल नहीं खाना चाहिए तथा यह तिथि आभूषण, रत्न खरीदने और धारण करने के लिए शुभ है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।