रोजाना गीता के पाठ से मिलते हैं अद्भुत लाभ

महाभारत की युद्ध भूमि में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन के सारथी बने और उसकी जीत को सुनिश्चित किया। अर्जुन को गीता का उपदेश दिया। आज केवल देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी लोग गीता का पाठ करते हैं। ऐसे में यदि आपके घर में गीता रखी हुई है तो ऐसे में आपको कुछ खास नियमों का ध्यान रखना चाहिए।

भगवद गीता न केवल एक हिंदू धर्म ग्रंथ है, बल्कि यह मनुष्य को जीवन के दुखों से उबरने का भी संदेश देती है। गीता का उपदेश भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को युद्ध की भूमि में दिया गया था। इस ज्ञान के जरिए ही अर्जुन सही और गलत के बीच का अंतर कर पाया और अंततः युद्ध में विजय प्राप्त की। गीता में जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे – धर्म, कर्म, नीति आदि राज छिपा है। इसके नियमित पाठ से जीवन की हर समस्या को हल किया जा सकता है।

गीता पाठ करने के लाभ

धार्मिक पुराणों में माना गया है कि जिस घर में नियमित रूप से गीता का पाठ किया जाता है, वहां हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके नियमित पाठ से व्यक्ति को मानसिक शांति का अनुभव तो होता ही है, साथ ही जीवन की कई परेशानियों से भी छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मकता दूर होने लगती है। गीता के रोजाना पाठन से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, जिससे वह जीवन में सफलता हासिल कर सकता है।

गीता पाठ के नियम

श्रीमद्भागवत गीता का पाठ  हमेशा स्नान आदि से निवृत होकर, साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही करना चाहिए। इसके बाद एक आसन पर बैठ जाएं और लकड़ी से बनी पूजा चौकी या काठ पर रखकर गीता का पाठ करें। ध्यान रखें कि कभी भी जमीन पर या हाथ में रखकर गीता का पाठ नहीं करना चाहिए।

इसके साथ ही गीता को हमेशा लाल कपड़े में लपेटकर रखें और पाठ के दौरान ही खोलें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि भगवत गीता का अध्याय बीच में अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए, पूरा अध्याय पढ़ने के बाद ही गीता को बंद करें।

ध्यान रखें ये नियम

गीता को घर में रखने और इसका पाठ करने से जुड़े कुछ नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। जिस भी स्थान पर आप गीता रख रहे हैं वह स्थान एकदम साफ होना चाहिए। गंदे हाथों से, बिना नहाएं या मासिक धर्म में गीता को स्पर्श नहीं करना चाहिए। श्रीमद्भागवत गीता का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, बस आपको अपनी स्वच्छता और शुद्धता का ख्याल रखना होगा।

शुरू होने जा रहा है फरवरी का महीना,यहां पढ़ें शुभ दिन और मुहूर्त की सूची!
रामलला की मूर्ति पर अभिषेक से नहीं पड़ेगा कोई असर...

Check Also

21 मई को मनाई जाएगी नरसिंह जयंती

नरसिंह श्री हरि के चौथे अवतार हैं और उनका जन्म ऋषि कश्यप और उनकी पत्नी …