मासिक दुर्गाष्टमी देवी दुर्गा के भक्तों के लिए एक शुभ दिन है। इस दिन भक्त मां के लिए कठिन व्रत का पालन करते हैं और मां के मंदिर जाकर या फिर घर पर भाव के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। यह व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन जो साधक देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनके लिए व्रत रखते हैं, उन्हें शांति, शक्ति, समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं, जो यहां दी गई हैं –
मासिक दुर्गा अष्टमी तिथि और समय
मासिक दुर्गाष्टमी तिथि का प्रारंभ – 16 फरवरी दिन शुक्रवार शाम 05 बजकर 32 मिनट से।
मासिक दुर्गाष्टमी तिथि का समापन – 17 फरवरी दिन शनिवार दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त – 12 बजकर 35 मिनट से लेकर 01 बजकर 59 मिनट तक।
मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि
इस शुभ दिन पर भक्त सुबह जल्दी उठें और पूजा शुरू करने से पहले पवित्र स्नान करें।
इसके बाद वे घर और मंदिर की सफाई करें।
मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें और उनके समक्ष घी का दीया जलाएं।
मां का पंचामृत से अभिषेक करें।
मां को कुमकुम का तिलक लगाएं।
देवी को गुड़हल का फूल अवश्य अर्पित करें।
मां दुर्गा को मिठाई और फल का भोग लगाएं।
दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा का पाठ श्रद्धा के साथ करें।
मां के मंत्रों से हवन करें।
देवी की आरती सच्चे भाव के साथ करें।
अंत में शंखनाद करें।
प्रसाद का वितरण घर के सदस्यों और अन्य लोगों में करें।
व्रती सात्विक भोजन से अपने व्रत का पारण अगले दिन सुबह मां की पूजा के बाद करें।
दूसरों को बुरा बोलने से बचें।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।